हाथों की रेखाएं
हाथों की रेखाएं
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हाथों की रेखाओं पर मुझे कभी यकीन नही हुआ ।कर्म सदा ही से मैने।
जीवन का आधार माना ।
हाथों की रेखाएं तो बहुत कुछ
कहती है यारों ,पर कभी भरोसा
न करना प्यारे ,कर्मशील हमेशा
बनना,कर्म ही प्रधान मानना दोस्तो ,
मंजिल हमेशा कर्म करने से ही मिलती है दोस्तों , क्योंकि जिसने रेखाओं पर अपना जीवन समर्पित किया ।बो हमेशा ही रोता रहा ।कभी खिलखिला
कर अपने जीवन मे हस न पाया दोस्तों
इसलिए कर्म को अपना आधार बनाए रखें , क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती है यारों ।
जीवन को खुशहाल रखने का मूलमंत्र
है हथेली की रेखाओं पर भरोसा न करके , कर्मशील बनो ,हमेशा जिंदगी मे मुस्कुराते रहोगे ।स्वस्थ रहोगे ।
सुनीता गुप्ता ,कानपुर उत्तर प्रदेश
Swati chourasia
22-Sep-2022 04:37 PM
बहुत खूब
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
22-Sep-2022 03:58 AM
बहुत ही सुंदर और प्रेरित करती हुई कविता है,,,, बेहतरीन,,, वो,,, हँस,, होगा जी
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Milind salve
21-Sep-2022 09:54 PM
बहुत खूब
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